आखिर वस्त्र नगरी से क्यों नाराज हैं इंन्द्रदेव

सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- आखिर वस्त्र नगरी से क्यों नाराज हैं इंन्द्रदेव ! बारिश का मौसम आधे से ऊपर जाने को है | लेकिन फिर भी वस्त्र नगरी के वाशिंदे बारिश का इंतजार कर रहे हैं | इस वर्ष 1-2 बारिश को छोड़कर बारिश नही के बराबर हुई | आखिरकार इस वर्ष इंद्रदेव नाराज क्यों हैं ?, क्यों इंद्रदेव मेहरबान नहीं हो रहे है | समीपवर्ती जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो रहे हैं, वहीं भीलवाड़ा जिले में काल पड़ने के हालात बनने लगे हैं | पूरे जिले के बाशिंदों को अब यह भय सताने लगा है कि क्या इस साल काल पड़ेगा, बारिश क्यों नहीं हो रही जैसे कई तमाम सवाल जहन में उठ रहे हैं कि आखिर अब क्या होगा | क्योंकि सावन महीने के बाद बारिश जाने का समय आ जाता है | ऐसे में क्या इस बार भीलवाड़ा जिले वासियों को काल का सामना करना पड़ेगा | *बारिश के लिए ग्रामीण गांव बाहर, भोज अखंड ज्योत प्रज्वलित, इंद्रदेव को रिझाने के लिए हवन, भजन, कीर्तन सहित अपने अपने तौर-तरीकों से इंद्र देव को मनाने में लगे हुए हैं* | फिर भी इंद्रदेव वस्त्र नगरी पर मेहरबान नहीं हो रहे हैं | *वहीं लोगों के जहन में एक सवाल यह भी उत्पन्न हो रहा है कि आखिर वस्त्र नगरी वासियों से इंद्रदेव क्या नाराज है* | पहले एक छोटी सी बारिश में बहने वाली बैड़च व कोठारी नदिया में इस बार एक बार पानी नहीं आया और अब तक जिले की सभी नदियां सूखी पड़ी हुई है | *वहीं पहली बारिश में लबालब होने वाला जिले का गोवठा बांध पानी के लिए तरस रहा है | वहीं जिले का मुख्य जल स्रोत मेजा बांध रीता पड़ा हुआ* | साथ ही जिले के सभी नदियां पानी की आवक के लिए की राह देख रही हैं | वहीं किसानों द्वारा बोई गई फसलें जलने लगी है जिस कारण इस महंगाई भर दौर में भूखे मरने की नौबत आती दिखाई देनी लगी है | गत वर्ष श्रावण मास में सभी नदी नाले उफान पर थी व बांधों में पानी की भारी आवक थी | तो इस बार सभी सूखे पड़े हुए हैं | ऐसे में वस्त्र नगरी वासी इंद्रदेव से यही कामना करते हैं कि **बरस बरस मारा इंदर राजा तू बरसा मारो काज सरे*** ||