आपदा की घड़ी में भी मांडलगढ़ क्षेत्र के आरा मशीन संचालक कर रहे हैं हरे पेड़ों की कटाई

 भीलवाड़ा समाचार(कैलाश सुखवाल खटवाड़ा )                                पुरा  देश  इस समय  कोरोना महामारी को लेकर ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा चारों ओर ऑक्सीजन की कमी को  लेकर हाहाकार मचा हुआ है सरकार की आधी से भी ज्यादा मशीनरी इस समय लोगों की जान बचाने में लगी हुई है । वही चंद रुपयों के लालची लोग इस समय भी हरे पेड़ काटने में बाज नहीं आ रहे हैं क्षेत्र में अंधाधुन हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है । वन विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में कई अवैध आरा मशीनें संचालित है इस समय  सभी व्यापारियों के करीब करीब  कोरोना महामारी को लेकर  सरकारी  गाइड लाइन के अनुसार व्यापार बंद है,वही अवैध आरा मशीन संचालक बिना किसी सरकारी डर के हजारों टन हरे पेड़ों की खरीदारी कर रहे हैं  स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि स्वस्थ्य जीवन के लिए पर्यावरण का स्वच्छ रहना अनिवार्य है। इसके लिए हमारे आसपास पेड़ पौधों की अधिकता बेहद जरुरी है। वृक्षों की अंधाधूंध कटाई से पर्यावरण पर इसका बुरा असर पड़ने की संभावना तीव्र हो गयी है।चंद लोग अपनी निजी आर्थिक लाभ के कारण हरे भरे पौधों को भी काटने से बाज नहीं आ रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिले में वृक्षों की कटाई बदस्तूर जारी है। अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने से ऐसे लोगों का हौसला बुलंद होता जा रहा है। पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत सरकार हर साल करोड़ों रुपये पौधे लगाने में खर्च कर रही है। लेकिन वर्षो पुराने लगे पेड़ों की कटाई सरकारी मशीनरी की मिली भगत से सरकार के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। अगर समय रहते पेड़ों की कटाई पर रोक नहीं लगायी गयी तो वनों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। वृक्षों के इस अंधाधूंध कटाई से जहां एक ओर वातावरण गर्म हो रहा है वहीं प्रदूषण के कारण लोगों को श्वास, आंख,फेफड़ा एंव अन्य बीमारियों से ग्रसित होना पड़ रहा है